1000 स्किल्ड प्रवासियों को बैंक दे लोन उद्योग होने से 20000 को मिलेगा रोजगार
छपरा. समाहरणालय सभागार में बैंकर्स की जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम सुब्रत कुमार सेन के द्वारा कहा गया कि बैंक रोजगार सृजन के लिए ऋण उपलब्ध कराने में आगे आयें। जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना संकट के समय बहुत से स्किल्ड प्रवासी अपने घर वापस आये हैं और अब यहीं रोजगार शुरू करना चाहते हैं। परन्तु उनके पास पूंजी नहीं है। बैंक आगे आकर ऐसे लोगों को स्वरोजगार/उद्योग लगाने के लिए ऋण उपलब्ध कराये।
डीएम ने कहा कि जिला में 200 से अधिक बैंक की शाखाएं हैं अगर प्रत्येक बैंक कम से कम पांच व्यक्ति को उद्योग- धंधा प्रारम्भ करने के लिए ऋण मुहैया कराए तो इससे कम से कम एक हजार प्रवासी अपना रोजगार शुरू करेंगे और इससे कम से कम 20 हजार लोग जुड़कर लाभान्वित होंगे। धीरे-धीरे यह कारवा चल पड़ेगा और फिर लोगों को बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।
डेयरी, पाॅल्ट्री, मत्स्य पालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं
डीएम ने कहा कि कृषि एवं कृषि से जुड़ी सहायक कार्यों डेयरी, बकरी पालन, पाॅल्ट्री, मत्स्य पालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है। डीएम के द्वारा जिला पशुपालन पदाधिकारी, मत्स्य पदाधिकारी, कृषि पदाधिकारी, उद्योग महाप्रबंधक को निर्देश दिया गया कि एक-एक इच्छुक व्यक्ति को खोजकर आवेदन दिलवाएं तथा बैंक से समन्वय स्थापित कर उनका ऋण स्वीकृत करायें।
अच्छे परफार्मेंस वाले बैंक में रखा जाएगा सरकारी पैसा
डीएम के द्वारा सी-डी रेसियो बढ़ाने का निर्देश दिया गया और कहा गया कि लोन के जो भी आवेदन लम्बित हैं उसका एक सप्ताह में निष्पादन किया जाय। उप विकास आयुक्त को दस दिनों बाद पुनः इसकी समीक्षा करने का निर्देश देते हुए डीएम ने कहा कि जिन बैंकों का परफार्मेंस अच्छा रहेगा सरकारी पैसा उसी बैंक में रखा जाएगा। डीएम के द्वारा जीविका समूहों द्वारा ऋण के लिए दिये गये आवेदनों का शीघ्र निष्पादन कर ऋण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इस संबंध में डीपीएम जीविका को बैंक के साथ जरूरी समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया गया।
ये अधिकारी थे मौजूद
बैठक में डीएम के साथ उप विकास आयुक्त अमित कुमार, अग्रणी जिला प्रबंधक सुजित कुमार, जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, जिला मात्स्यिकी पदाधिकारी और विभिन्न बैंक के जिला समन्वयक उपस्थित थे। जिस बैंक के समन्वयक उपस्थित नहीं थे। डीएम के द्वारा एलडीएम को निर्देश दिया गया कि उनसे स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाये।
क्रेडिट-डिपोजिट अनुपात 26.98 %
समीक्षा के क्रम में पाया गया कि सारण जिला में क्रेडिट-डिपोजिट अनुपात मात्र 26.98 प्रतिशत है। जिसमें एक और यूको बैंक का 49, कॉरपोरेशन बैंक का 47, आई सीआई सी आई बैक का 45, कैनरा बैंक का 40, आईडीबीआई का 40, एक्सिस बैंक 43 प्रतिशत है वहीं दूसरी ओर भारतीय स्टेट बैंक का 18, सेन्ट्रल, बैंक का 17 पंजाब नेशनल बैंक का 12 बैक आफ इंडिया का 16 प्रतिशत हीं है।
80000 को मिला रोजगार
कोरोना संकट के दौरान दूसरे प्रदेशों से बिहार आने वाले मजदूरों के लिए मनरेगा बड़ा सहारा बन गया है। सारण जिले की बात करें तो यहां जिलाधिकारी के निर्देश पर मनरेगा के तहत प्रतिदिन औसतन 80,000 अकुशल मजदूरों को कार्य दिया जा रहा है। इसमें सरकार के विशेष कार्यक्रम ‘जल जीवन हरियाली अभियान’ के तहत तालाब-दूसरे जल संचयन, जल निकासी के लिए बांध/चेक डैम के निर्माण का काम शामिल है। इसके साथ-साथ आंगनबाड़ी केन्द्र के भवनों का निर्माण कार्य भी शामिल है।
डीएम ने कहा कि जिला में 200 से अधिक बैंक की शाखाएं हैं अगर प्रत्येक बैंक कम से कम पांच व्यक्ति को उद्योग- धंधा प्रारम्भ करने के लिए ऋण मुहैया कराए तो इससे कम से कम एक हजार प्रवासी अपना रोजगार शुरू करेंगे और इससे कम से कम 20 हजार लोग जुड़कर लाभान्वित होंगे। धीरे-धीरे यह कारवा चल पड़ेगा और फिर लोगों को बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।
डेयरी, पाॅल्ट्री, मत्स्य पालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं
डीएम ने कहा कि कृषि एवं कृषि से जुड़ी सहायक कार्यों डेयरी, बकरी पालन, पाॅल्ट्री, मत्स्य पालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है। डीएम के द्वारा जिला पशुपालन पदाधिकारी, मत्स्य पदाधिकारी, कृषि पदाधिकारी, उद्योग महाप्रबंधक को निर्देश दिया गया कि एक-एक इच्छुक व्यक्ति को खोजकर आवेदन दिलवाएं तथा बैंक से समन्वय स्थापित कर उनका ऋण स्वीकृत करायें।
अच्छे परफार्मेंस वाले बैंक में रखा जाएगा सरकारी पैसा
डीएम के द्वारा सी-डी रेसियो बढ़ाने का निर्देश दिया गया और कहा गया कि लोन के जो भी आवेदन लम्बित हैं उसका एक सप्ताह में निष्पादन किया जाय। उप विकास आयुक्त को दस दिनों बाद पुनः इसकी समीक्षा करने का निर्देश देते हुए डीएम ने कहा कि जिन बैंकों का परफार्मेंस अच्छा रहेगा सरकारी पैसा उसी बैंक में रखा जाएगा। डीएम के द्वारा जीविका समूहों द्वारा ऋण के लिए दिये गये आवेदनों का शीघ्र निष्पादन कर ऋण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इस संबंध में डीपीएम जीविका को बैंक के साथ जरूरी समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया गया।
ये अधिकारी थे मौजूद
बैठक में डीएम के साथ उप विकास आयुक्त अमित कुमार, अग्रणी जिला प्रबंधक सुजित कुमार, जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, जिला मात्स्यिकी पदाधिकारी और विभिन्न बैंक के जिला समन्वयक उपस्थित थे। जिस बैंक के समन्वयक उपस्थित नहीं थे। डीएम के द्वारा एलडीएम को निर्देश दिया गया कि उनसे स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाये।
क्रेडिट-डिपोजिट अनुपात 26.98 %
समीक्षा के क्रम में पाया गया कि सारण जिला में क्रेडिट-डिपोजिट अनुपात मात्र 26.98 प्रतिशत है। जिसमें एक और यूको बैंक का 49, कॉरपोरेशन बैंक का 47, आई सीआई सी आई बैक का 45, कैनरा बैंक का 40, आईडीबीआई का 40, एक्सिस बैंक 43 प्रतिशत है वहीं दूसरी ओर भारतीय स्टेट बैंक का 18, सेन्ट्रल, बैंक का 17 पंजाब नेशनल बैंक का 12 बैक आफ इंडिया का 16 प्रतिशत हीं है।
80000 को मिला रोजगार
कोरोना संकट के दौरान दूसरे प्रदेशों से बिहार आने वाले मजदूरों के लिए मनरेगा बड़ा सहारा बन गया है। सारण जिले की बात करें तो यहां जिलाधिकारी के निर्देश पर मनरेगा के तहत प्रतिदिन औसतन 80,000 अकुशल मजदूरों को कार्य दिया जा रहा है। इसमें सरकार के विशेष कार्यक्रम ‘जल जीवन हरियाली अभियान’ के तहत तालाब-दूसरे जल संचयन, जल निकासी के लिए बांध/चेक डैम के निर्माण का काम शामिल है। इसके साथ-साथ आंगनबाड़ी केन्द्र के भवनों का निर्माण कार्य भी शामिल है।
Comments