क्लस्टर के तहत दस दिनों में लगेंगे लघु व सुक्ष्म कौशल के 6 यूनिटें : डीएम
50 लाख का इनोवेशन फंड जिले को प्राप्त हुआ
– 54 हजार स्किल्ड कामगारों से बात करेंगे अधिकारी
जागरण संवाददाता, छपरा : कोरोना संकट में जितने भी कुशल कामगार लौटे हैं उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हे उत्पादन इकाइयों में लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए जिले को 50 लाख का इनोवेशन फंड प्राप्त हो गया है। इस राशि से कम से कम छह सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना कराई जाएगी। यह जानकारी डीएम सुब्रत कुमार सेन ने डीआरसीसी की जिलास्तरीय बैठक के बाद दी। उन्होंने जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में आयोजित बैठक में कहा कि इस कार्य के पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण के लिए जिलास्तरीय समिति बनी है। समिति में डीडीसी, महाप्रबंधक उद्योग केंद्र, जिला योजना पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, डीडीएम नाबार्ड एवं श्रम अधीक्षक को शामिल किया गया है।
डीएम ने कहा कि डीआरसीसी में कुशल कामगारों के कौशल के अनुसार रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए परामर्श केंद्र स्थापित किया गया हैं, जहां कामगारों को परामर्श दिया जाएगा। अपना रोजगार या उद्योग शुरू करने की इच्छा रखने वाले कोई भी व्यक्ति जिलास्तरीय परामर्श केंद्र या मोबाइल संख्या 9262996666 पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन, डेयरी फार्म, सिलाई, आइसक्रीम, फूड प्रोडक्ट्स, कारपेंटिग, पेवर ब्लॉक जैसे कई क्षेत्र हैं, जिसमें सूक्ष्म उद्योग लगाया जा सकता है।
डीएम ने डीआरसीसी प्रबंधक और सभी छह सहायक प्रबंधकों को सोमवार तक सभी 54 हजार स्किल्ड कामगारों से बात कर उनके कौशल के अनुसार श्रेणीबद्ध कर लेने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बुधवार 24 जून से स्वयं कुशल कामगारों या उनके समूह से मिलकर उनसे बात करेंगे। इस दौरान उन्हें उद्योग लगाने में हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया जाएगा। उद्योग लगाने के लिए उन्हें जमीन और ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा। अगर किसी गांव में एक ही तरह के स्किल वाले लोग होंगे तो उनके लिए उनके गांव में ही उद्योग लगाया जाएगा। कच्चे माल की उपलब्धता और तैयार माल को बाजार तक पहुंचाने के लिए फारवर्ड एवं बैकवर्ड लिकेज की व्यवस्था कराई जाएगी।
डीडीसी अमित कुमार ने बताया कि जिले में प्रतिदिन 80 हजार श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सरकार की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं, सात निश्चय, आवास योजना, सामुदायिक शौचालय निर्माण आदि में भी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। बैठक में सहायक समाहर्ता वैभव श्रीवास्तव, एडीएम डॉ गगन, निदेशक डीआरडीए सुनील कुमार पांडेय, जिला पंचायतराज पदाधिकारी, उद्योग महाप्रबंधक, श्रम अधीक्षक, एलडीएम, प्रबंधक डीआरसीसी एवं सहायक प्रबंधक आदि उपस्थित थे।
– 54 हजार स्किल्ड कामगारों से बात करेंगे अधिकारी
जागरण संवाददाता, छपरा : कोरोना संकट में जितने भी कुशल कामगार लौटे हैं उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हे उत्पादन इकाइयों में लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए जिले को 50 लाख का इनोवेशन फंड प्राप्त हो गया है। इस राशि से कम से कम छह सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना कराई जाएगी। यह जानकारी डीएम सुब्रत कुमार सेन ने डीआरसीसी की जिलास्तरीय बैठक के बाद दी। उन्होंने जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में आयोजित बैठक में कहा कि इस कार्य के पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण के लिए जिलास्तरीय समिति बनी है। समिति में डीडीसी, महाप्रबंधक उद्योग केंद्र, जिला योजना पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, डीडीएम नाबार्ड एवं श्रम अधीक्षक को शामिल किया गया है।
डीएम ने कहा कि डीआरसीसी में कुशल कामगारों के कौशल के अनुसार रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए परामर्श केंद्र स्थापित किया गया हैं, जहां कामगारों को परामर्श दिया जाएगा। अपना रोजगार या उद्योग शुरू करने की इच्छा रखने वाले कोई भी व्यक्ति जिलास्तरीय परामर्श केंद्र या मोबाइल संख्या 9262996666 पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन, डेयरी फार्म, सिलाई, आइसक्रीम, फूड प्रोडक्ट्स, कारपेंटिग, पेवर ब्लॉक जैसे कई क्षेत्र हैं, जिसमें सूक्ष्म उद्योग लगाया जा सकता है।
डीएम ने डीआरसीसी प्रबंधक और सभी छह सहायक प्रबंधकों को सोमवार तक सभी 54 हजार स्किल्ड कामगारों से बात कर उनके कौशल के अनुसार श्रेणीबद्ध कर लेने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बुधवार 24 जून से स्वयं कुशल कामगारों या उनके समूह से मिलकर उनसे बात करेंगे। इस दौरान उन्हें उद्योग लगाने में हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया जाएगा। उद्योग लगाने के लिए उन्हें जमीन और ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा। अगर किसी गांव में एक ही तरह के स्किल वाले लोग होंगे तो उनके लिए उनके गांव में ही उद्योग लगाया जाएगा। कच्चे माल की उपलब्धता और तैयार माल को बाजार तक पहुंचाने के लिए फारवर्ड एवं बैकवर्ड लिकेज की व्यवस्था कराई जाएगी।
डीडीसी अमित कुमार ने बताया कि जिले में प्रतिदिन 80 हजार श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सरकार की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं, सात निश्चय, आवास योजना, सामुदायिक शौचालय निर्माण आदि में भी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। बैठक में सहायक समाहर्ता वैभव श्रीवास्तव, एडीएम डॉ गगन, निदेशक डीआरडीए सुनील कुमार पांडेय, जिला पंचायतराज पदाधिकारी, उद्योग महाप्रबंधक, श्रम अधीक्षक, एलडीएम, प्रबंधक डीआरसीसी एवं सहायक प्रबंधक आदि उपस्थित थे।
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